महाकुंभ का भव्य शुभारंभ

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  • पौष पूर्णिमा पर संगम की रेती पर आस्था का सैलाब

महाकुंभनगर, सोमवार, 14 जनवरी 2025। दुनिया के सबसे बड़े सनातन समागम महाकुंभ का भव्य शुभारंभ सोमवार को पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के साथ हो गया। संगम की रेती पर बसे भव्य एवं सुरम्य अस्थायी जिले में लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिये बढ़े चले जा रहे थे। अधिकृत जानकारी के अनुसार भोर करीब सुबह तीन बजे से पतित पाविनी गंगा,श्यामल वर्ण यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान ध्यान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी थी। आस्था के महासंगम में चहुंओर हर-हर गंगे के जयकारे गूंज रहे हैं। साधु संतों की उपस्थिति से वातावरण भक्ति रस से ओतप्रोत है। गरीब अमीर, जाति धर्म से परे आस्था का यह समागम देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बन कर दुनिया भर में अपनी आभा फैला रहा है।

महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है। इसका आयोजन हर 12 सालों के बाद किया जाता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिला। आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। विदेशी श्रद्धालुओं ने भी पावन स्नान किया। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रथम स्नान स्नान के लिए सुबह 5.27 से लेकर सुबह 6.21 तक का सबसे शुभ माना गया है। लेकिन श्रद्धालु आधी रात के बाद से आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी।

बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। आस्था का ऐसा आलम था कि सिर पर गठरी का वजन भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सका। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। डीआईजी और एसएसपी खुद चक्रमण कर रहे हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। आधी रात और सुबह तड़के से ही पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले रविवार को हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा और हल्की हवा के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। संगम क्षेत्र में आस्था का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति गौरव की अनुभूति कराई।

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