पिताजी को सबकुछ कांग्रेस की वजह से मिला, उन्हें इंदिरा गांधी ने बनाया था: अभिजीत मुखर्जी

नई दिल्ली, सोमवार, 30 दिसम्बर 2024। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपनी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके पिता को सार्वजनिक जीवन में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद समेत जो कुछ हासिल हुआ, वो कांग्रेस की बदौलत हुआ। पूर्व सांसद मुखर्जी ने यह भी कहा कि उनके पिता का निधन कोविड काल में हुआ था और ऐसे में उस समय की कई पाबंदियों के चलते कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी थी, हालांकि बाद में कार्य समिति ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
इससे, पहले प्रणब मुखर्जी की बेटी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद सिंह के सम्मान में कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाने का हवाला देते हुए कहा था कि उनके पिता के निधन पर कांग्रेस ने यह नहीं किया था। शर्मिष्ठा ने 27 दिसंबर को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘जब मेरे बाबा का निधन हुआ तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा था कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह पूरी तरह से बकवास है, क्योंकि बाद में मुझे बाबा की डायरी से पता चला कि के. आर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलायी गयी थी और शोक संदेश खुद बाबा ने ही तैयार किया था।’’
उनके भाई अभिजीत मुखर्जी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ बातचीत में उनकी बातों को खारिज किया। प्रणब मुखर्जी का निधन 31 अगस्त, 2020 को हुआ था। कांग्रेस से दो बार लोकसभा सदस्य रहे मुखर्जी ने कहा, ‘‘उस समय कोविड का दौर चल रहा था, तत्काल कार्य समिति की बैठक नहीं बुलाई गई थी, बाद में बुलाई गई थी। कार्य समिति में कई वरिष्ठ लोग थे, और उस समय आने-जाने की पाबंदी थी।’’ उनके मुताबिक, कार्य समिति ने बाद की एक बैठक में प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने मेरे पिताजी को बनाया, इंदिरा जी ने बनाया। बाद में बाद राजीव गांधी जी, पी वी नरसिम्हा राव जी और मनमोहन सिंह जी के समय उन्हें जिम्मदारी मिली। पिताजी जो बने, कांग्रेस की वजह से बने थे।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके पिता को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित किया था। अभिजीत मुखर्जी वर्ष 2021 में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे, हालांकि कुछ महीने पहले उन्होंने कांग्रेस में वापसी की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह जैसे व्यक्ति के निधन के बाद विवाद नहीं होना चाहिए था। मुखर्जी ने कहा, ‘‘मनमोहन सिंह एक ऐसे अर्थशास्त्री और व्यक्ति थे, जिनके बारे में जितना बोला जाए वो कम है। मेरे पिताजी की में बोलूं, तो वह एक ‘परफेक्ट जेंटलमैन’ थे। मैंने मनमोहन सिंह को कभी गुस्सा होते हुए नहीं देखा था। निजी रूप से जब उनसे मिलता था, वह मुस्कराते हुए मिलते थे। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को अपने पैर पर खड़ा किया। आज जिस बड़ी अर्थव्यवस्था की बात की जा रही है उसकी नींव उन्होंने रखी थी।’’


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