सोमवार को है वर्ष की आखिरी अमावस्या, इन चीजों का करें दान

पौष महीने की अमावस्या यानी इस साल की आखिरी अमावस्या सोमवार को पड़ रही है। आपको बता दें कि इस अमावस्या का महत्व कई गुना है क्योंकि यह अमावस्या सोमवार को पड़ रही है। आपको बता दें कि सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान का बहुत अधिक महत्व है। हर साल दो या तीन ही सोमवती अमावस्या होती हैं। इसलिए इनका महत्व बहपत अधिक होता है। कहते हैं कि इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने, गंगा स्नान करने पितरों का तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों के लिए कपड़े आदि निकालने चाहिए। उनका तर्पण करना चाहिए।दूध में पानी और काले तिल मिलाकर पीपल पर अर्पित करने से पितरों का मोक्ष मिलता है।
30 दिसम्बर सुबह से शुरू होगी अमावस्या
पौष अमावस्या 30 दिसंबर को तड़के 4:02 बजे लगेगी जो 31 दिसंबर तड़के 3: 57 बजे तक रहेगी। मूल नक्षत्र 29 दिसंबर को रात 11:22 बजे से 30 दिसंबर को रात 11:58 बजे तक रहेगा। आपको बता दें कि अमावस्या पर व्रत रखने की भी परंपरा है। लोग इस दौरान दिनभर व्रत करते हैं।
यह तिथि पितरों के लिए ही निश्चित की गई है, इस दिन हम जो कुछ दान करते हैं, वो पितरों तक पहुंचता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है। पितरों की पूजा के लिए आप कंड़ो को जलाकर उसमें खीर, काले तिल और गंगा जल अर्पित करने के बाद पितरों का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इसलिए हमें आशीर्वाद प्रदान करके जाते हैं।
इन चीजों का करना चाहिए दान
सोमवती अमावस्या पर सबसे पहले पितरों के लिए कपड़े, मिठाई और भोजन का दान किसी गरीब व्यक्ति को करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा चावल, दूध, मिश्री, चीनी, खोवा से बने सफेद मिष्ठान्न, सफेद वस्त्र, चांदी एवं अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के साथ दान करनी चाहिए।


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