शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला थमा

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  • उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 56.74 अंक टूटा

स्थानीय शेयर बाजार में शुक्रवार को पिछले पांच दिनों से जारी तेजी पर विराम लगा। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रखने लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि अनुमान को घटाने के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव आया।  कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 56.74 अंक यानी 0.07 प्रतिशत गिरकर 81,709.12 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 81,925.91 के ऊपरी स्तर और 81,506.19 के निचले स्तर को छुआ।

पिछले पांच कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 2,722.12 अंक यानी 3.44 प्रतिशत उछला।  एनएसई निफ्टी 30.60 अंक यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 24,677.80 पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के जोखिम का हवाला देते हुए अपनी प्रमुख नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा, लेकिन बैंकों में पर्याप्त नकदी बनाये रखने के मकसद से नकद आरक्षित अनुपात में कटौती की। सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और आईसीआईसीआई बैंक में गिरावट आई।

दूसरी ओर टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, मारुति, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीसी और टाटा स्टील नुकसान में रहे। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि बाजार में सतर्कता का माहौल बना हुआ है, लेकिन एफआईआई की वापसी निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 8,539.91 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कास्पी और जापान के निक्की में गिरावट दर्ज की गई, जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हेंगसेंग में बढ़त दर्ज की गई।

सूरोप के बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”प्रमुख सूचकांकों में स्थिरता रही, लेकिन अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले सूचकांकों में उम्मीद दिखाई दी।” उन्होंने कहा कि सीआरआर को कम करने से वित्तीय प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपये आएंगे। इसके जरिये आरबीआई नकदी बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना चाहता है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.46 प्रतिशत गिरकर 71.76 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।

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