पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी कुंतल घोष को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
नई दिल्ली, गुरुवार, 28 नवंबर 2024। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती कथित घोटाले से जुड़े केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में निलंबित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुंतल घोष को शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने उन्हें यह राहत दी। पीठ जमानत देने के साथ ही यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता फिलहाल कोई सार्वजनिक पद नहीं संभाल सकता। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि हालांकि इस साल जनवरी में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, लेकिन सीबीआई द्वारा पूरक आरोप पत्र दाखिल करने का प्रस्ताव होने के कारण इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। इसके अलावा निकट भविष्य में मुकदमे के पूरा होने की कोई संभावना नहीं है।
पीठ ने कहा ''निकट भविष्य में मुकदमे के निष्कर्ष की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल के लिए हिरासत में रखना आपराधिक न्यायशास्त्र के सुस्थापित सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें 20 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज धन शोधन से संबंधित मामले में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि याचिकाकर्ता एक व्यापक घोटाले और गहरी साजिश का हिस्सा था। उसने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की मूल वेबसाइट जैसी एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी।
एजेंसी की ओर से दावा किया कि अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने के लिए उनसे चार करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। यह भी तर्क दिया गया कि घोष पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए और एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उसकी रिहाई के बाद गवाहों को डराया-धमकाया जा सकता है हालांकि, अदालत ने कहा कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। निलंबित टीएमसी नेता घोष को पहली बार ईडी ने 21 जनवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि घोष ने प्रत्येक नौकरी चाहने वाले से 20 लाख रुपये एकत्र किए और अपने नाम के दो बैंक खातों में 6.5 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए। उनमें एक आईसीआईसीआई बैंक में और दूसरा इंडसलैंड बैंक है। इसके बाद निवेश के उद्देश्य से उक्त राशि को तुरंत अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था। ईडी ने यह भी दावा किया कि घोष ने मनोरंजन उद्योग में कदम रखा और संगीत वीडियो और लघु फिल्में बनाने के लिए एक साझेदारी फर्म बनाई। एकत्रित धन का उपयोग टॉलीवुड सितारों के लिए महंगे वाहन खरीदने में किया गया।
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