उच्चतम न्यायालय ने यासीन मलिक से किया जवाब तलब

img

नई दिल्ली, गुरुवार, 28 नवंबर 2024। उच्चतम न्यायालय ने चार भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या और 1989 में मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के मामले से जुड़े गवाहों की जिरह के लिए संबंधित मुकदमा जम्मू से दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर गुरुवार को आरोपी यासीन मलिक से जबाव तलब किया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। पीठ ने मामले के आरोपी और तिहाड़ जेल में बंद मलिक को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मलिक आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक सहायता देने के लिए तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि मामले में मुकदमा स्थानांतरित करने और सह-आरोपियों को पक्षकार बनाने के लिए आवेदन दायर किए गए हैं। मेहता ने कहा कि तिहाड़ जेल में वर्तमान में अदालत चलाने की सुविधा है। उन्होंने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि आरोपी भी तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। सीबीआई का पक्ष जानने के बाद न्यायालय ने आरोपी से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तारीख मुकर्रर कर दी।

इससे पहले 27 नवंबर को शीर्ष अदालत ने सीबीआई से कहा था कि वह मलिक को जम्मू-कश्मीर ले जाने के एजेंसी के विरोध के मद्देनजर आरोपी के खिलाफ गवाहों से जिरह करने के लिए जेल में अदालत स्थापित करने का विकल्प तलाशे। सीबीआई ने जम्मू की एक विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसने मलिक को जिरह के लिए पेश होने का वारंट जारी किया था। विशेष अदालत ने मलिक की शारीरिक उपस्थिति चार भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या और 1989 में मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े गवाहों से जिरह के लिए निर्देश दिया था।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement