दिल्ली दंगे: उच्चतम न्यायालय ने छात्र कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार किया

नई दिल्ली, सोमवार, 11 नवंबर 2024। उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीछे ‘‘बड़ी साजिश’’ के मामले में छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया और दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह उसकी याचिका पर 25 नवंबर को विचार करे। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में चार साल और सात महीने से हिरासत में है।
पीठ ने कहा कि यदि कोई असाधारण परिस्थितियां न हों तो उच्च न्यायालय में लंबित उसकी जमानत याचिका पर 25 नवंबर को सुनवाई की जानी चाहिए। फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई नहीं कर रहा है और इसे किसी न किसी बहाने से स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले को 24 बार इसलिए स्थगित किया क्योंकि पीठासीन न्यायाधीश छुट्टी पर थे तथा छह बार मामले को अन्य कारणों से स्थगित किया गया।
सिब्बल ने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता का प्रश्न है। उसके मामले को किसी न किसी बहाने से स्थगित किया जा रहा है। वह चार साल और सात महीने से जेल में है तथा उसका मामला दो साल से उच्च न्यायालय में लंबित है।’’ पीठ ने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए और वह फातिमा द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई याचिका पर विचार नहीं कर सकती। फातिमा सहित कई अन्य लोगों पर आतंकवाद रोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिन पर दंगों के ‘‘मुख्य षड्यंत्रकारी’’ होने का आरोप है। इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।


Similar Post
-
गीता प्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात उन्हें पुस्तकें भेंट कीं
गोरखपुर (उप्र), मंगलवार, 01 जुलाई 2025। गीता प्रेस के सात सदस्यीय ...
-
जम्मू-कश्मीर एसीबी ने जिला विकास परिषद के सदस्य को 50,000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा
श्रीनगर, मंगलवार, 01 जुलाई 2025। जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोध ...
-
केंद्रीय गृह सचिव ने लद्दाख के विकास की समीक्षा की
लेह/जम्मू, मंगलवार, 01 जुलाई 2025। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोह ...