पंजाब में पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी: आप का दावा

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नई दिल्ली, सोमवार, 28 अक्टूबर 2024। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दावा किया कि पंजाब में उसकी सरकार बनने के बाद से पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आयी है। पंजाब और हरियाणा में कटाई के बाद के मौसम में पराली जलाने को, खास तौर पर अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए एक प्रमुख कारण माना जाता है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।  आप विधायक दिलीप पांडे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पंजाब में भगवंत मान सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण, पंजाब में पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी है।’’

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़े का हवाला देते हुए पांडे ने दावा किया कि पंजाब में पराली जलाने के मामलों की संख्या अक्टूबर 2022 में लगभग 8,000 से घटकर 1,866 रह गई है। पांडे ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के आईआरएआई के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2022 के इस सप्ताह तक पंजाब में पराली जलाने के लगभग 8,000 मामले थे और आज के ताजा आंकड़े के मुताबिक मामले घटकर 1,866 रह गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि पंजाब की आप सरकार ने इस मुद्दे के समाधान के लिए सकारात्मक रूप से काम किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश सिर्फ दोषारोपण में लगे रहे हैं और समाधान में उनका योगदान ‘‘शून्य’’ है।

पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में पहुंच गई है, शहर के कुछ इलाकों में तो प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी इस अवधि के दौरान सतर्कता बढ़ा दी है और पंजाब और हरियाणा के प्रमुख जिलों में पराली जलाने पर निगरानी के लिए केंद्रीय दलों को तैनात किया है।

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