अदालत ने वांगचुक को जंतर मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने पर दिल्ली पुलिस का रुख पूछा

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नई दिल्ली, बुधवार, 09 अक्टूबर 2024। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य को शहर के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगने संबंधी याचिका पर बुधवार को दिल्ली पुलिस का रुख पूछा। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने एपेक्स बॉडी लेह द्वारा दायर याचिका पर पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। पीठ ने कहा, ‘‘याचिका पर जवाब दाखिल किया जाए।’’ पीठ ने मामले की सुनवाई 22 अक्टूबर के लिए निर्धारित की। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में कोई तात्कालिकता नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस विरोध प्रदर्शन के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए कोई वैध आधार प्रदान करने में विफल रही है। वांगचुक और लद्दाख के उनके साथियों को 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर दिल्ली की सीमा पर हिरासत में ले लिया था। उन्होंने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेह से लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च किया। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी क्षेत्रों के ‘‘स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों’’ के तौर पर प्रशासन से संबंधित है।

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