स्पाइसजेट को तीन इंजन बंद करने के आदेश में हस्तक्षेप से उच्च न्यायालय का इनकार

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नई दिल्ली, बुधवार, 11 सितम्बर 2024। दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमानन कंपनी स्पाइसजेट को इंजन पट्टेदारों को भुगतान में चूक के कारण तीन विमान इंजनों का उपयोग बंद करने का निर्देश देने वाले आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने कहा कि स्पाइसजेट की अपील पर विचार नहीं किया जा सकता। कंपनी ने तीन विमान इंजन का उपयोग बंद करने और उन्हें पट्टा कंपनियों को सौंपने के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी थी। पीठ ने अपीलों पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हम पूर्व के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। हमने निर्देश में हस्तक्षेप नहीं किया है। तदनुसार अपील पर विचार नहीं किया जाता।’

स्पाइसजेट ने एकल न्यायाधीश के 14 अगस्त के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे 16 अगस्त तक तीन इंजनों को बंद करने तथा 15 दिनों के भीतर उन्हें पट्टादाताओं को वापस सौंपने का निर्देश दिया गया था। न्यायाधीश ने एयरलाइन को निर्देश दिया था कि वह सात दिन के भीतर दिल्ली हवाई अड्डे पर अपने अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से पट्टादाताओं (टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस) को इंजनों का निरीक्षण करने का प्रस्ताव दे। 

अपने आदेश में एकल न्यायाधीश ने कहा था, ‘इस अदालत के पास प्रतिवादी (स्पाइसजेट) को 16 अगस्त 2024 से तीनों इंजनों का उपयोग बंद करने का निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। प्रतिवादी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि आज (14 अगस्त) से 15 दिन के भीतर इंजन वादी को वापस मिल जाएं।’ अदालत ने यह आदेश पट्टादाताओं की याचिका पर दिया था जिसमें स्पाइसजेट को पट्टा समझौते की समाप्ति पर तीन इंजनों का कब्जा सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

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