इस बार बेहद खास है निर्जला एकादशी, बन रहे हैं ये शुभ संयोग
प्रभु श्री विष्णु को प्रसन्न एवं उनकी विशेष कृपा पाने के लिए एकादशी तिथि बेहद शुभ होती है। इस दिन उपवास रखने से जीवन की सभी परेशानियों का निवारण होने लगता है। हर माह में आने वाली एकादशी तिथि प्रभु श्री विष्णु को समर्पित है। इस दिन विधि अनुसार पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं तथा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रत्येक महीने की एकादशी तिथि का अलग महत्व होता है। हालांकि, इनमें ज्येष्ठ माह में आने वाली निर्जला एकादशी को बहुत विशेष माना जाता है। यह माह भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, ऐसे में निर्जला उपवास रखना बेहद मुश्किल होता है।
निर्जला एकादशी की सही डेट और पारण का समय जानें
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि कब से आरम्भ होगी: 17 जून को सुबह 4 बजकर 43 मिनट पर
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि कब समाप्त होगी: 18 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट पर
व्रत कब रखा जाएगा: 18 जून
निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय: 19 जून को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 28 मिनट के बीच
निर्जला एकादशी पर कौन से शुभ योग बने हैं?
इस बार निर्जला एकादशी पर स्वाति नक्षत्र एवं विशाखा नक्षत्र में एक साथ 3 शुभ योग बने हैं। पूरे दिन रात को 9 बजकर 39 मिनट तक शिव योग बना है। उसके पश्चात् सिद्ध योग बना है। सिद्ध योग में व्रत करना आपके घर में धन वृद्धि करवाने वाला माना गया है। इसके अतिरिक्त दोपहर में 3 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन प्रातः 5 बजकर 24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग बना है। इन शुभ योग में निर्जला एकादशी का व्रत करने से आपको परम पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जो लोग धन की कमी से जूझ रहे हैं उनके लिए निर्जला एकादशी का व्रत बहुत ही शुभफलदायी माना गया है।
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