महाशिवरात्रि : भूलकर भी न करें यह काम, क्रोधित होते हैं भोलेनाथ
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 8 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च दिन होता है। आज हर शिव भक्त अपने आराध्य की भक्ति में डूब कर उन्हें प्रसन्न कर आशीर्वाद पाना चाहता है। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं जिसको लेकर कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को उन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं...
टूटे हुए अक्षत
भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है। व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए, हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए।
केतकी के फूल ना चढ़ाएँ
भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
काले वस्त्र न पहनें
महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ समझा जाता है। साथ ही साथ शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण ना करें, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है। ऐसा करने से धन हानि भी हो सकती है। साथ ही अगर आपने व्रत भी नहीं किया है तो भी बिना स्नान किए कुछ ना खाएं। व्रत नहीं है तब भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण ना करें।
ये चीजें न खाएं
शिवरात्रि के दिन अगर आपने व्रत किया है तो दाल, चावल या गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं। सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं।
देर तक ना सोएं
शिवरात्रि के त्योहार पर देर तक ना सोएं और रात के समय सोने से बचें। रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव के भजन सुनें और आरती करें। व्रत को अगली सुबह स्नान के बाद प्रसाद ग्रहण कर शिवजी को तिलक लगाकर व्रत खोला जा सकता है।
शिवलिंग पर कुमकुम न चढ़ाएं
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं। कुमकुम का तिलक ना लगाएं हालांकि, भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं।
कटे-फटे बेलपत्र न चढ़ाएँ
शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो। टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र भूलकर भी न चढ़ाए।
Similar Post
-
25 या 26 दिसंबर आखिर किस दिन पड़ रही सफला एकादशी
हर माह एकादशी होती है, लेकिन हर माह इस एकादशी का नाम बदल जाता है, इस बा ...
-
भारत के वो मशहूर मंदिर, जहां पर लागू हैं 'ड्रैस कोड'
भारत में अनेक भव्य और ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो न सिर्फ अपनी वास्तुकला ...
-
इस दिन पड़ रही सोमवती अमावस्या, इन चीजों का करें दान
सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन कहा जाता ह ...