कब है गुरु रविदास जयंती? जानिए इसका महत्व और इतिहास

img

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान-दान के कार्यों की बड़ी अहमियत है। पंचांग के मुताबिक, इस बार माघ महीने की पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन धर्म-कर्म के कार्यों में सम्मिलित होने से सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा 32 गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, इस पर्व पर किए गए शुभ कामों से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन वाग्देवी यानि सरस्वती के स्वरूप ललिता महाविद्या की जयंती भी है। होली से एक महीने पूर्व इस पूर्णिमा पर ही होली का डांडा लगाया जाता है, इसलिए इसे होलिका डांडा तथा रोपणी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

गुरु रविदास जयंती का महत्व:

  • यह जयंती सामाजिक समानता, भाईचारा और प्रेम का संदेश देती है।
  • यह जयंती समाज में व्याप्त जातिवाद एवं पक्षपात के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है।
  • यह जयंती गुरु रविदास की शिक्षाओं और विचारों को याद करने का अवसर है।

गुरु रविदास जयंती का इतिहास:

  • गुरु रविदास का जन्म 1398 ईस्वी में वाराणसी में हुआ था।
  • उनका जन्म चर्मकार परिवार में हुआ था, जो उस वक़्त समाज में सबसे निचले पायदान पर था।
  • गुरु रविदास ने जातिवाद एवं भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में समानता की स्थापना के लिए काम किया।
  • गुरु रविदास ने भक्ति एवं आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गुरु रविदास की शिक्षाओं एवं विचारों ने समाज में क्रांति ला दी।
  • गुरु रविदास जयंती के अवसर पर, लोग गुरु रविदास की जयंती मनाते हैं, उनके विचारों को याद करते हैं, और समाज में समानता स्थापित करने के लिए काम करते हैं.

गुरु रविदास जयंती के अवसर पर किए जाने वाले कार्य:

  • गुरु रविदास के मंदिरों में दर्शन
  • गुरु रविदास की शिक्षाओं पर आधारित संगोष्ठी और कार्यक्रम का आयोजन
  • गुरु रविदास के भजनों का गायन
  • गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा
  • गुरु रविदास जयंती एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो समाज में समानता और भाईचारा का संदेश देता है.

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement