आखिर क्यों हवन में डाले जाते है नारियल? जानिए इसकी खास बातें

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सनातन धर्म में आप लोगों ने अक्सर देखा होगा कि किसी भी पूजा-पाठ में नारियल का खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सनातन धर्म में बिना नारियल के पूजा अधूरी मानी जाती है. यहां तक कि शादी एवं गृह प्रवेश में भी नारियल का विशेष इस्तेमाल किया जाता है, मगर हवन के चलते नारियल को जलाने का खास महत्व है.

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि हवन के चलते नारियल इसलिए जलाया जाता है, क्योंकि घर में सुख-समृद्धि का आगमन हो. यदि आपके घर में वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है, तो उसे शांत करने के लिए हवन में नारियल खास तौर पर जलाने की परंपरा है. प्रभु श्री हरि विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) एवं माता लक्ष्मी को नारियल बहुत प्रिय है. इसलिए हवन में नारियल जलाने से उनकी कृपा बनी रहती है तथा मनुष्य जीवन में चल रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. वही यदि आपकी कोई ऐसी मनोकामना है. जो मेहनत करने के पश्चात् भी पूरी नहीं हो पा रही है, तो हवन करने के चलते उसमें नारियल आखिर में जरूर जलाना चाहिए तथा सभी देवी-देवताओं का नाम अवश्य लें. इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है. इतना ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि हवन के चलते सभी देवी-देवताओं का घर में वास होता है, जिससे घर-परिवार में कभी किसी प्रकार की समस्या नहीं आती है.

नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए जलाते हैं नारियल
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, हवन करने के चलते उसमें नारियल जलाने से नकारात्मकता से छुटकारा प्राप्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि नारियल में एक अलग तरह की ऊर्जा होती है, जिसकी वजह से हवन में उसे जलाने से सभी नकारात्मकता उसके साथ जलकर भस्म हो जाती है और घर में सुख-शांति का आगमन होता है.

नारियल का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं में ऐसा कहा जाता है कि धरती पर नारियल के पेड़ प्रभु श्री विष्णु और माता लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) ने लगाया था. नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष के नाम से जाना जाता है. उन्हें नारियल बेहद प्रिय है. इसलिए अधिकांश पूजा-पाठ में नारियल का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है.

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