सफला एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर मनोकामना

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हिन्दू धर्म में हर माह एकादशी व्रत को पूरी आस्था एवं विश्वास के रखा जाता है। एकादशी व्रत के चलते प्रभु श्री विष्णु की आराधना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहा जाता है तथा वर्ष 2024 की पहली एकादशी 7 जनवरी को है। इस दिन अगर पूरी आस्था के साथ प्रभु श्री विष्णु की पूजा की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

इन मंत्रों का करें जाप:-
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

सफला एकादशी का महत्व
धार्मिक मत है कि सफला एकादशी का व्रत करने से कार्यों में कामयाबी प्राप्त होती है तथा इंसान को जीवन के दुखों से छुटकारा प्राप्त होता है। एकादशी व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष एवं जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त साधक की मनचाही मनोकामना पूरी होती है। सफला व्रत की कथा पढ़ने या सुनने से पूजा सफल होती है।

सफला एकादशी की पूजा:- 
सफला एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठा जाता है. तत्पश्चात, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और उसके बाद भगवान के समक्ष धूप, दीप और फल आदि अर्पित किए जाते हैं. इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का खास महत्व होता है. पीले रंग के वस्त्र, पीले फल, पीले फूल एवं पीले भोग को शुभ माना जाता है. एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु के समक्ष नारियल, सुपारी, आंवला और अनार चढ़ाए जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त, एकादशी में श्री हरि के भजना गाना, कथा पढ़ना और आरती गाना बेहद शुभ होता है. 

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