प्रकृति प्रेमियों और घुमक्कड़ों के लिए बेस्ट है उत्तराखंड का चौकोरी हिल स्टेशन

गर्मियों की छुट्टी प्लान कर रहें तो इस बार भीड़भाड़ वाले हिल स्टेशन का मोह छोड़िए और पहुंच जाएं चकौरी...उत्तराखंड की सही खूबसूरती को देखना है करीब से संस्कृति को जानना है और प्रकृति के बीच शांत वातावरण में अपने कैमरे में मनभावन तस्वीरें कैद करनी हैं तो यह स्थान आपके लिए बेस्ट है। चौकोरी अल्मोड़ा से 180 किमी. की दूरी पर है। पिथौरागढ़ जिले में स्थित चौकोरी हिल स्टेशन समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आपको नंदा देवी और पंचकुला की चोटियों का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां बहुत सारे मंदिर हैं। किसी हिल स्टेशन में शायद ही इतने ज्यादा मंदिर होंगे। इसके अलावा चौकोरी उत्तराखंड की उन चुनिंदा जगहों में से एक है। जहां पर हरे-भरे बागानों के साथ-साथ चाय के बागान भी हैं। इन चाय के बागानों की शुरूआत अंग्रेजों के समय में हुई थी जो आज तक चली आ रही है।
यहां कपिलेश्वर महादेव मंदिर है जो तकुरा और तकारी गांव के बीच में स्थित है। महाकाली मंदिर जो चौकोरी से 36 किमी. की दूरी पर है के अलावा नाग मंदिर, घुनसेरा देवी और अर्जुनेश्वर मंदिर जा सकते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा चौकोरी की खास पहचान है।
इसके बाद आप चिनेश्वर वाटरफॉल भी घूम सकते हैं जो न केवल कुमाऊं बल्कि पूरे उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। फिर भी इसके बारे में कम लोग ही जानते हैं। ये वाटरफॉल एक छोटे-से गांव गरौण में स्थित है। चीड़ के घने जंगलों से घिरा ये वाटरफॉल 160 फीट ऊंचा है। इस जगह के बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि इस वाटरफॉल के पीछे भगवान शिव का मंदिर है। इसलिए इस जगह पर पहुंचना कठिन है।
यहां आप घूमने के अलावा कुछ एक्टिविटीज भी कर सकते हैं। जिसमें सबसे बेस्ट है नेचर वॉक, पैदल चलकर आप गांव की सुंदरता का मजा उठा सकते हैं। यहां के नजारे देखते ही बनते हैं। आप इन नजारों को कैमरे में कैद कर सकते हैं। आप यहां अपनी फोटोग्राफी के शौक को पूरा कर सकते हैं। नंदा देवी, नंदा कोट, चौखंबा और पंचकुला पहाड़ियों को कैमरे में उतार सकते हैं। हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां फोटोग्राफरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं।
गांव भ्रमण के दौरान आप कुमाऊंनी कला, संस्कृति और परंपराओं को समझ सकते हैं। अगर आप उत्तराखंड और पहाड़ी संस्कृति को करीब से देखना और महसूस करने चाहते हैं तो यहां के आसपास के गांवों को जरूर देखना चाहिए। यहां जाने के लिए सबसे बेस्ट समय अप्रैल से जून का है। बरसात के समय यहां जाने की गलती न करें। उस समय यहां बारिश खूब होती है जिसकी वजह से लैंडस्लाइड भी होता है और आप खुलकर न तो घूम सकते हैं और न ही मजा ले सकते हैं। यहां रहने के लिए आपको होटल और होमस्टे मिल जाएंगे।


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