जनजाति उपयोजना क्षेत्र में रबी 2022-23 में नहीं रही खाद की कमी - कृषि मंत्री

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जयपुर, सोमवार, 13 फ़रवरी 2023। कृषि मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि रबी 2022-23 में जनजाति उपयोजना क्षेत्र में खाद की कोई कमी नहीं रही थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में माह सितम्बर-अक्टूबर में अच्छी बारिश होने के कारण अग्रिम बुवाई हुई । जिसके कारण अचानक खाद की मांग बढ़ गई और खाद स्टॉक में होने के बावजूद खाद की कमी होने का गलत माहौल बनाया गया। 

कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि पूरे प्रदेश में गत वर्ष सितम्बर तथा अक्टूबर माह के द्वितीय सप्ताह में अच्छी बारिश होने के कारण जलाशयों मे भरपूर पानी था। इसके चलते रबी 2022-23 में अग्रिम बुवाई हुई। उन्होंने बताया कि अक्सर रबी फसल की बुवाई नवम्बर माह में होती है। उन्होंने बताया कि रबी 2022-23 में बुवाई एक महीना पहले ही हो गई और अपेक्षाकृत अधिक क्षेत्र में हुई। जनजाति उपयोजना क्षेत्र के 8 जिलों में नवम्बर 2021 में जहां 8 लाख 73 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी, वहीं वर्ष 2022 में नवम्बर माह तक 10 लाख 40 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई, जो कि 19 प्रतिशत अधिक थी। कृषि मंत्री ने कहा इसके चलते खाद की मांग अचानक से ज्यादा हो गई और खाद की कमी का कृत्रिम माहौल बन गया।

कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भी खाद नवम्बर माह में ही उपलब्ध कराया जाता है। खाद की अधिक मांग को देखते हुए केन्द्र सरकार को शीघ्र खाद भेजने के लिए के लिए पत्र लिखने के बाद वहां से भी अतिरिक्त प्रयास कर समय से पहले खाद दी गई। इस तरह खाद की किसी भी प्रकार की कमी नहीं रही थी। इससे पहले कृषि मंत्री ने विधायक श्री बाबूलाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में मांग के अनुसार निर्धारित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध हो रहे हैं।

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