‘वसुधैव कुटुम्बकम’ भारत के लोकाचार का प्रतीक: धनखड़

नई दिल्ली, बुधवार, 14 सितंबर 2022। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि ''वसुधैव कुटुम्बकम'' की अवधारणा भारत के लोकाचार का प्रतीक है और हमने कभी विस्तारवादी नीति नहीं अपनायी है। धनखड़ ने यहां राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में ''भारत के मूल मूल्य, हित और उद्देश्य'' पर एक व्याख्यान देते हुए देश के संविधान की प्रस्तावना में कई मूल मूल्यों का उल्लेख है। कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई ''वैक्सीन मैत्री'' पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे इतिहास में भारत का दृष्टिकोण कभी भी विस्तारवादी नहीं रहा है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में सामरिक - रणनीतिक शिक्षा के सबसे केंद्रों में से एक के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए एनडीसी की प्रशंसा की और कहा कि इस महान संस्थान ने पिछले छह दशकों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और कद दोनों में वृद्धि की है। उन्होंने कहा, ''वसुधैव कुटुम्बकम'' की अवधारणा हमारे सभ्यतागत लोकाचार के मूल मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है।


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