‘न्यायाधीशों को निशाना बनाने की कोई सीमा होती है’ : उच्चतम न्यायालय
नई दिल्ली, गुरुवार, 28 जुलाई 2022। उच्चतम न्यायालय ने देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर बढ़ते हमलों का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई में देरी करने की मीडिया में आयी खबरों पर नाखुशी जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायाधीशों को निशाना बनाने की एक सीमा होती है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम पर दबाव बनाना बंद करें। पीठ ने कहा, ‘‘पिछली बार मामले पर सुनवाई नहीं की जा सकी थी क्योंकि मैं कोविड-19 से संक्रमित था। आपने अखबारों में छपवाया कि उच्चतम न्यायालय सुनवाई में देरी कर रहा है। देखिए, न्यायाधीशों को निशाना बनाने की एक सीमा होती है। ये सभी खबरें कौन देता है?’’
न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा, ‘‘मैंने ऑनलाइन खबरें देखी थी कि न्यायाधीश सुनवाई में देरी कर रहे हैं। हम पर दबाव बनाना बंद करिए। एक न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित थे और इस वजह से हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकें। खैर, हम इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे, वरना फिर कोई और खबर आएगी।’’ उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा मामले पर सुनवाई किए जाने के अनुरोध पर ये टिप्पणियां की। वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेज ने जून में अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था और कहा था कि देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों के खिलाफ हर महीने औसतन 45 से 50 हिंसक हमले होते हैं।
Similar Post
-
एमसीडी के 12 वार्ड पर उपचुनाव 30 नवंबर को, नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे: दिल्ली राज्य चुनाव आयोग
नई दिल्ली, मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 ...
-
आंध्र प्रदेश में दो बसों की आमने-सामने टक्कर, 20 यात्री घायल
चित्तूर (आंध्र प्रदेश), मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025। आंध्र प्रदेश र ...
-
प्रशांत किशोर का नाम बिहार, पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज
कोलकाता, मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने ...
