तृणमूल कांग्रेस ने विदेश में सरकार के आतंकवाद विरोधी अभियान में भाग लेने से किया इनकार

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कोलकाता, सोमवार, 19 मई 2025। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्र को सूचित किया है कि उसने पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के वैश्विक अभियान के तहत कई देशों का दौरा करने वाले सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों से अपने सांसदों को वापस लेने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए चुने गए 51 राजनीतिक नेताओं, सांसदों और पूर्व मंत्रियों में पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि लोकसभा सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल से हटने का निर्देश दिया है।

तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि बिना किसी आधिकारिक स्पष्टीकरण के केंद्र सरकार को इस फैसले से अवगत करा दिया है। तृणमूल ने पुष्टि की है कि न तो श्री पठान और न ही उसके कोई अन्य सांसद राजनयिक मिशनों में भाग लेंगे। पार्टी के सूत्रों से पता चला है कि तृणमूल ने यह निर्णय सरकार की चयन प्रक्रिया से असंतुष्ट होने के कारण लिया गया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व से परामर्श किए बिना यह निर्णय लिया गया था। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देने और शामिल होने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद केंद्र सरकार ने श्री पठान को नामित किया था।

शनिवार रात को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से फोन पर बात करते हुए श्री पठान ने कहा कि वह कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनी पार्टी से परामर्श करेंगे। बाद में विदेश मंत्रालय ने उनसे उनके पासपोर्ट विवरण के लिए संपर्क किया। पठान जनता दल (यू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के उन नौ सदस्यों में शामिल थे जो इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया गणराज्य, जापान और सिंगापुर की यात्रा करेगा। प्रतिनिधिमंडल 21 मई को रवाना होने वाला है। इस टीम के अन्य सदस्य अपराजिता सारंगी (भाजपा), बृज लाल (भाजपा), जॉन ब्रिटास (माकपा), प्रदान बरुआ (भाजपा), हेमंग जोशी (भाजपा), पूर्व मंत्री खुर्शीद और पूर्व राजनयिक मोहन कुमार हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बाद तृणमूल कांग्रेस तीसरी राजनीतिक पार्टी है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दर्शाने के लिए 31 देशों और यूरोपीय संघ में प्रतिनिधिमंडल भेजने की केंद्र सरकार की योजना की खुलेतौर पर आलोचना की है। तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, 'कौन किस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होगा, यह भाजपा या सरकार द्वारा तय नहीं किया जा सकता है। किसी पार्टी के सांसद से संपर्क करना और पार्टी नेता से बात किए बिना या आधिकारिक तौर पर पत्र के माध्यम से संवाद किए बिना उनके पासपोर्ट विवरण मांगना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।

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