मंगलवार को रखा जाएगा भौम प्रदोष का व्रत

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  • भगवान शिव के साथ की जाती है हनुमानजी की आराधना

11 मार्च, मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत किया जाएगा। प्रदोष व्रत जब मंगलवार को पड़ता है तब उसे भौम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है लेकिन जब भौम प्रदोष व्रत रहता है तो उस दिन महादेव के साथ ही बजरंगबली की भी आराधना की जाती है। ऐसे करने से जातक को कर्ज के बोझ से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है। तो आइए जानते हैं कि भौम प्रदोष के दिन भगवान शिव को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा जानेंगे भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त के बारे में।

प्रदोष के दिन भगवान शिव को लगाएं इन चीजों का भोग

खीर
भगवान शिव को खीर अति प्रिय है तो प्रदोष व्रत के दिन चावल या मखाने की खीर बनाएं। फिर पूजा के बाद महादेव को खीर का भोग लगाएं।

हलवा
भोलेनाथ को हलवा का भोग भी लगाया जाता है। तो प्रदोष के दिन शिवजी को सूजी, कुट्टू का हलवा चढ़ाएं।

फल
प्रदोष व्रत के दिन महादेव को फल भी अर्पित कर सकते हैं। फल में बेर, बेर सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा आम और अंगूर भी चढ़ा सकते हैं।

भांग, धतूरा
भगवान शिव की पूजा बेलपत्र के अलावा भांग, धतूरा के बिना पूरी नहीं होती है। तो प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर भांग-धतूरा भी जरूर अर्पित करें।

भौम प्रदोष महत्व
बता दें कि भौम प्रदोष के दिन भगवान शिव के साथ ही हनुमान जी की भी पूजा का विधान है। तो भौम प्रदोष के दिन बजरंगबली को सिंदूर, तुलसी, बूंदी या बेसन के लड्डू आदि चीजें चढ़ाएं। इसके अलावा भौम प्रदोष के दिन मंगल से संबंधित चीजें गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करने से सौ गौ दान के समान फल मिलता है।

भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त 2025

  • फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 11 मार्च को सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त- 12 मार्च को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर
  • प्रदोष पूजा मुहूर्त- 11 मार्च को शाम 6 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 11 मिनट तक

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