असम के चराईदेव मोईदाम को पेरिस में यूनेस्को से विश्व धरोहर का प्रमाणपत्र मिला

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गुवाहाटी, मंगलवार, 14 जनवरी 2025। असम के संस्कृति मंत्री बिमल बोरा ने चराईदेव मोईदाम के लिए यूनेस्को से पेरिस में विश्व धरोहर अभिलेखन प्रमाणपत्र प्राप्त किया। चराईदेव मोईदाम असम में ताई अहोम राजवंश समुदाय के प्रमुख लोगों को टीले पर दफनाने की परंपरा थी। चराईदेव मोईदाम के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के संस्कृति मामलों के सहायक महानिदेशक अर्नेस्टो ओटोने रामिरेज ने फ्रांस में भारत के राजदूत विशाल बी. शर्मा की उपस्थिति में सोमवार को यह प्रमाणपत्र प्रदान किया।

बिमल बोरा ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम के लिए माघ बिहू का एक शानदार तोहफा, चराईदेव मोईदाम को यूनेस्को से आधिकारिक विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला। इस गौरवपूर्ण क्षण पर प्रत्येक असमवासी को मेरी ओर से बधाई।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को उनके सहयोग और प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि इसी के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हो सकी।

शर्मा ने कहा, ‘‘यूनेस्को की ओर से भोगाली बिहू की शुभकामनाएं। इससे भी ज़्यादा अच्छी बात क्या हो सकती है- हमें चराईदेव मोईदाम को प्रतिष्ठित विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल करने का आधिकारिक प्रमाणपत्र प्राप्त हो गया है। वर्ष 2024 वास्तव में असम के लिए एक अच्छा वर्ष रहा तथा 2025 के और भी बेहतर होने की उम्मीद है।’’ केंद्रीय बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी इस सम्मान की सराहना की।

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