कब है पौष पूर्णिमा? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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पौष पूर्णिमा सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन, सनातन धर्म के अनुयायी देवी शाकंभरी की पूजा करते हैं. देवी शाकंभरी को अन्नपूर्णा देवी भी कहा जाता है, क्योंकि वे समस्त सृष्टि को अन्न प्रदान करती हैं. पौष पूर्णिमा को शाकंभरी जयंती के तौर पर भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन देवी शाकंभरी का जन्म हुआ था. पौष पूर्णिमा का दिन कई धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों का भी वक़्त है. इस दिन, सनातन धर्म के अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान देते हैं और पूजा करते हैं. वे देवी शाकंभरी की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं.

पौष पूर्णिमा तिथि एवं मुहूर्त
तारीख: गुरुवार, 25 जनवरी, 2024
तिथि: पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा
मुहूर्त: सुबह 5:26 से सुबह 6:20 तक

पौष पूर्णिमा की पूजा विधि
पौष पूर्णिमा के दिन, प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें तथा साफ कपड़े पहनें. फिर, एक स्वच्छ स्थान पर देवी शाकंभरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. प्रतिमा या तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, फूल, मिठाई और अन्य प्रसाद रखें. फिर, देवी शाकंभरी का ध्यान करें और उन्हें प्रार्थना करें. प्रार्थना में, देवी शाकंभरी से अन्न, धन, स्वास्थ्य एवं समृद्धि का आशीर्वाद मांगें. आप देवी शाकंभरी से अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए भी प्रार्थना कर सकते हैं. प्रार्थना के पश्चात् , देवी शाकंभरी को प्रसाद चढ़ाएं. फिर, प्रसाद को सभी उपस्थित लोगों में वितरित करें.

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