मंगलवार की हनुमान पूजा कैसे करें, आइए डालें एक नजर

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कहा जाता है कि हनुमानजी की कृपा हर उस भक्त पर रहती है जो राम का भक्त है या जो उनका भक्त है। कहा तो यह भी जाता है कि जो मनुष्य हनुमानजी की भक्ति या पूजा करते हैं, उनकी सफलता के दरवाजे जल्दी से खुल जाते हैं। मंगलवार का दिन हनुमानजी का दिन माना जाता है। मंगलवार की पूजा का अलग ही विधान और महत्व है। आइए डालते हैं एक नजर मंगलवार की पूजा पर-

मंगलवार की हनुमान पूजा कैसे करें

  • पूजन में शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है, इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो भगवान श्रीराम का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भगवान का भजन व पूजन करते हैं।
  • नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद अपने हनुमानजी की मूर्ति या चित्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
  • पूजन में हनुमानजी के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए। जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।
  • फिर मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। फिर उनकी आरती उतारें। पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए।
  • पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है।
  • अंत में आरती करें। आरती करके नैवेद्य चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है।
  • हनुमानजी के पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंगबाण का पाठ या सुंदरकाण्ड का पाठ किया जाता है। उन्हें चौला भी चढ़ाया जाता है।
  • हर मंगलवार को रात 8 बजे बाद हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए उनकी तस्वीर के सामने सुंदरकाण्ड का पाठ करने से भी हनुमानजी की कृपा बनी रहती है।

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