मोदी राज में बढ़ा देश पर 100 लाख करोड़ का कर्ज: कांग्रेस

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि वह देश के 15 वें प्रधानमंत्री हैं लेकिन जो काम उनसे पहले 14 प्रधानमंत्री नहीं कर सके उन्होंने अपने मात्र नौ साल के कार्यकाल में कर दिखाया और देश का कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 155 लाख करोड़ रुपए पहुंचा दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने देश पर 100 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ाया अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है इसलिए उन्हें देश की अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। 

उनका कहना था कि मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली तो देश पर महज 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था लेकिन यह अब तीन गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी इस देश के 15वें प्रधानमंत्री हैं और यकीन मानिए उन्होंने वह कर दिखाया जो उनसे पहले 14 प्रधानमंत्री नहीं कर पाए। आज़ादी के 67 साल में जहां 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया, वहीं मोदी जी ने अपने नौ साल के कार्यकाल में इसको तिगुना करके 155 लाख करोड़ रुपये पहुंचा दिया। मतलब नौ साल में देश का कर्ज 100 लाख करोड़ रुपये से भी ज़्यादा बढ़ गया है।

प्रवक्ता ने कहा, आज हालत यह हो गई है कि देश कर्ज में डूब गया है और देश पर 100 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ गया है। इसका मतलब है कि आज हर हिंदुस्तानी पर - मतलब पैदा हुए नवजात शिशु के सिर पर भी क़रीब 1.2 लाख का कर्ज है। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी जी ने अपने कार्यकाल के हर सेकंड चार लाख रुपये का क़र्ज़, हर मिनट 2.4 करोड़ का क़र्ज़, हर घंटे 144 करोड़ का क़र्ज़, 3456 करोड़ रुपये हर दिन का क़र्ज़, हर महीने 1.03 लाख करोड़ और हर साल 12.47 लाख करोड़ इस देश पर लाद दिया है। आलम यह है कि हमारे यहां आज दुनिया में सबसे महंगी रसोई गैस, तीसरा सबसे महंगा पेट्रोल और आठवां सबसे महंगा डीजल देश में बिक रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी बड़ी-बड़ी बातें करते थे, पर अब नौ साल से प्रधानमंत्री के पद पर रहकर अपने आर्थिक कुप्रबंधन से अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है और देश पर महंगाई, बेरोज़गारी और क़र्ज़े का बोझ लाद दिया है। उन्होंने कहा , देश को भारी कर्ज में डूबा देने के बाद मोदी जी आपको समझना पड़ेगा कि सिर्फ़ ज़बानी जमा खर्च और कैमराजीवी बने रहने से काम नहीं चलने वाला - हम इस मंच से मांग करते हैं कि सरकार बिना विलंब के आज हिंदुस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र जारी करे।

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