भारतीय दबाव के आगे झुका नेपाल, विवादित नक्शे वाली किताब के वितरण पर लगाई रोक

नई दिल्ली, बुधवार, 23 सितम्बर 2020। चीन की शह पर लगातार नेपाल भारत को आंखे दिखा रहा था। चाहे वो कालापानी विवाद हो या लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर उसके दावे। भारत के कालापानी, लिपु लेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताने वाला नक्शा भी बीते दिनों नेपाल की संसद से पास किया गया। लेकिन चीनी राजदूत के इशारे पर चल रही नेपाल की ओली सरकार ने विवादित नक्शे वाली किताब के वितरण पर रोक लगा दिया है। नेपाली कैबिनेट के इस फैसले से शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरल को करारा झटका लगा है।
विदेश मंत्रालय और भूमि प्रबंधन मंत्रालय, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने पुस्तक में वर्णित विवरणों पर आपत्ति जताई है। नेपाल के उर्जा मंत्री वर्धमान पुन ने एक नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट को दिए गए बयान में कहा है कि सरकार ने निर्देश दिया है कि संबंधित मंत्रालय की टिप्पणी के बाद पुस्तक को बाजार में तुरंत न लाया जाए। कारण, पाठ्यचर्या विकास केंद्र द्वारा प्रकाशित पुस्तक के शब्द राजनयिक मानदंडों के अनुरूप नहीं थे।


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