उमर अब्दुल्ला की हिरासत के खिलाफ बहन सारा की याचिका पर पांच मार्च को सुनवाई

नई दिल्ली, सोमवार, 02 मार्च 2020। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह नेशनल कांफ्रेस के नेता एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जन सुरक्षा कानून, 1978 के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर पांच मार्च को सुनवाई करेगा।
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Supreme Court posts for hearing on 5th March, the plea of Sara Abdullah Pilot, former J&K CM Omar Abdullah’s sister challenging his detention under the Jammu and Kashmir Public Safety Act, 1978.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल करेंगे। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि नजरबंदी के मामले में याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय जाना चाहिए।
पीठ ने इस याचिका को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध करते हुये कहा कि याचिकाकर्ता जम्मू कश्मीर प्रशासन के जवाब पर अपना जवाबी हलफनामा दायर कर सकती हैं। उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शीर्ष अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपने भाई की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी के पांच फरवरी के प्रशासन के आदेश को चुनौती दे रखी है। पायलट ने यचिका में कहा है कि नजरबंदी का आदेश गैरकानूनी हैं और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में उनके भाई से किसी प्रकार का खतरा होने का सवाल ही नहीं है। इससे पहले 14 फरवरी को मामले में सुनवाई हुई थी। जिसपर अदालत ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया था।


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